20.10.11

चर्च पोल

बच्चे बेचने वाले गिरोह में कैथोलिक चर्च शामिल

बीबीसी की खबर

साभार: सुरेश चिपलूणकर

Suresh Chiplunkar on Wednesday, October 19, 2011 at 12:00pm
BBC द्वारा स्पेन में बच्चे बेचने वाले एक गिरोह का पर्दाफ़ाश किया है। इस गिरोह में डॉक्टर, नर्स, पादरी एवं चर्च के उच्चाधिकारी शामिल हैं। इस गिरोह ने पिछले 50 साल में 3 लाख बच्चे बेचे हैं। इन वर्षों के दौरान बड़े (बल्कि अधेड़) हो चुके हजारों लोग अब इस बात से परेशान हैं कि आखिर उनके असली माँ-बाप कौन हैं। गिरोह की कार्यप्रणाली के अनुसार नवप्रसूता से कह दिया जाता था कि "बच्चा मरा हुआ पैदा हुआ था, इसलिए दफ़ना दिया गया…"। इस बात को पुख्ता स्वरूप देने के लिए कैथोलिक चर्च के पादरी से पुष्टि करवाई जाती थी, फ़िर निःसंतान दंपतियों को वह बच्चा मोटी रकम में बेच दिया जाता था। यह गोरखधंधा इतने वर्षों तक इसलिए चल सका, क्योंकि दुखी माता-पिता सम्बन्धित पादरी की बात पर आसानी से विश्वास कर लेते थे।
BBC के इस भण्डाफ़ोड़ के बाद अब हजारों की संख्या में लोगों ने विभिन्न अस्पतालों के रिकॉर्ड निकालकर DNA टेस्ट के लिए आवेदन दिये हैं। परन्तु अब इतने वर्षों के बाद यह कवायद कितनी सफ़ल होगी और कितने लोग अपने असली माता-पिता से मिल सकेंगे, इसमें संदेह ही है…।
मामला खुलने के बाद कैथोलिक चर्च में भारी शर्मिंदगी का माहौल है… क्योंकि चर्च की सत्ता कुछ समय पहले ही बाल यौन-शोषण के आरोपी हजारों पादरियों से निपटने और उनके खिलाफ़ मुआवजे के लाखों डॉलर चुकाने में व्यस्त है। भारत में भी ईसाई-बहुल केरल राज्य में आए-दिन ऐसे कई मामले सामने आते रहते हैं, लेकिन चूंकि भारतीय मीडिया पर चर्च का पूर्ण अंकुश है, इसलिए सफ़ाई से इन्हें दबा दिया जाता है…।
वैसे भी भारतीय मीडिया को सारी बुराईयाँ सिर्फ़ और सिर्फ़ हिन्दू धर्म, हिन्दू संतों, हिन्दू मन्दिरों, हिन्दू परम्पराओं में ही दिखाई देती हैं… क्योंकि इस मीडिया को चलाने वाले या तो "सेकुलर" हैं, या "कॉन्वेंट" से पढ़े हुए हैं, या फ़िर "बिके हुए" हैं…।
पूरी खबर यहाँ पढ़ें: http://www.dailymail.co.uk/news/article-2049647/BBC-documentary-exposes-50-year-scandal-baby-trafficking-Catholic-church-Spain.html#ixzz1b1ARsx2m

बिजली गॉन, मीटर ऑन

बीएसईएस की कारगुजारी 
बिजली का कनेक्शन काटते समय मीटर की रीडिंग ४४७ यूनिट थी। २ दिन बाद अचानक सूबे सिंह की नज़र मीटर पर पड़ी तो उनके होश उड़ गये। बिना बिजली कनेक्शन के मीटर दौड़ रहा था और उसमें रीडिंग १२५७ थी। उन्होंने अपने इष्ट-मित्र-पड़ोसियों को बुलाकर यह करामात दिखाई। सभी यह देख आश्चर्यचकित और आक्रोषित थे। 
निजी बिजली कम्पनी बीएसईएस (मालिक अम्बानी) के ऊपर दिल्ली की मुख्य मन्त्री श्रीमती शीला दीक्षित की असीम कृपा है। खुलेआम इस कम्पनी का वे पक्ष लेती हैं। तेज दौड़ते बिजली के मीटरों से लोग लम्बे समय से परेशान हैं। मनमाने बिलों से परेशान हैं। पर राहत की बजाय लोगों के हाथ सिर्फ़ परेशानियां ही आती हैं।


पिछले दिनों बिजली का बिल समय पर जमा न कर पाने के कारण दिल्ली के नजफ़गढ़ क्षेत्र के गांव खड़खड़ी रोंद निवासी सूबे सिंह के घर का कनेक्शन काट दिया गया। बिजली का कनेक्शन काटते समय मीटर की रीडिंग ४४७ यूनिट थी। २ दिन बाद अचानक सूबे सिंह की नज़र मीटर पर पड़ी तो उनके होश उड़ गये। बिना बिजली कनेक्शन के मीटर दौड़ रहा था और उसमें रीडिंग १२५७ थी। उन्होंने अपने इष्ट-मित्र-पड़ोसियों को बुलाकर यह करामात दिखाई। सभी यह देख आश्चर्यचकित और आक्रोषित थे।
वे तत्काल इस मामले की शिकायत करने ३ बार उजवा और नजफ़गढ़ दफ़्तर गये। किसी बिजली अधिकारी ने उनकी बात नहीं सुनी। मीटर की जांच के लिए पहले ५० रुपये शुल्क जमा कराकर शिकायत करने को  को कहा गया। सूबे सिंह ने अनेक परेशानियां झेलते हुए बिजली दफ़्तर के अधिकारियों के निर्देशों का पालन किया। फ़िर उन्हें बिजली के बिल की बकाया राशि २३०० रुपये भी जमा कराने को कहा गया। वह भी उन्होंने जमा करा दी। इसके बाद बिजली अधिकारी उनके घर गये और दिया गया विवरण सही पाकर तत्काल मीटर बदलने का पर्चा काट दिया। सूबे सिंह के घर का दो दिन जमकर चला बिजली का फ़िलहाल बन्द है। पर बिजली का दोषयुक्त यह मीटर ये पंक्तियां लिखे जाने तक यानी आज २० अक्टूबर २०११ तक भी नहीं बदला गया है।
यही है जनसेवा करने वाली सरकार के तमाम कामों का एक नमूना।
• सुरेश त्रेहान
नाहरगढ़ साप्ताहिक, नयी दिल्ली
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