13.2.11

रिsवत का निजाम बदल दो, देeshद्रोहियों का अंजाम बदल दो...

यौवन को अंगार बनाओ, क्रान्ति की मshaल जगाओ


नस-नस में एक ज्वाला भर लो, क्रान्ति का ऐलान कर दो

भ्रsटाचारी इस देesh से भागें, सोये नेता नींद से जागें

रिsवत का निजाम बदल दो, देeshद्रोहियों का अंजाम बदल दो

मत इनके बहकावे आओ, नफरत के तुम गीत न गाओ

सभी भारत के नौजवानों, अपनी ताकत को पहचानो

तुमने ही अंग्रेज भगाए, तुम ही तो आजादी लाये

नया सवेरा इस देesh में यारों, अब भी तुम्हे ही लाना है

गद्दी के गद्दारों को, इस देesh से दूर भगाना है

रिsवत का निजाम बदल दो, देeshद्रोहियों का अंजाम बदल दो...

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